सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें देश में प्रचलित वर्तमान आरक्षण प्रणाली को धीरे-धीरे समाप्त करने की मांग की गई थी। मामले के अनुसार सचिन गुप्ता नामक एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने वर्तमान में प्रचलित आरक्षण प्रणाली को धीरे-धीरे समाप्त कर नई आरक्षण नीति बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। याचिका सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की खंडपीठ के समक्ष आयी। जिस पर अदालत ने इस प्रकार की जनहित याचिका दायर करने पर नाराजगी व्यक्त की। और याचिकाकर्ता पर ₹25000 का जुर्माना लगा दिया। खंडपीठ में जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार की जनहित याचिका दायर कर याचिकाकर्ता ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। अदालत ने जुर्माने की राशि को 2 सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के एडवोकेट वेलफेयर फंड में जमा कर उसकी रसीद अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें देश में प्रचलित वर्तमान आरक्षण प्रणाली को धीरे-धीरे समाप्त करने की मांग की गई थी। मामले के अनुसार सचिन गुप्ता नामक एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने वर्तमान में प्रचलित आरक्षण प्रणाली को धीरे-धीरे समाप्त कर नई आरक्षण नीति बनाने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। याचिका सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की खंडपीठ के समक्ष आयी। जिस पर अदालत ने इस प्रकार की जनहित याचिका दायर करने पर नाराजगी व्यक्त की। और याचिकाकर्ता पर ₹25000 का जुर्माना लगा दिया। खंडपीठ में जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस प्रकार की जनहित याचिका दायर कर याचिकाकर्ता ने न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। अदालत ने जुर्माने की राशि को 2 सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के एडवोकेट वेलफेयर फंड में जमा कर उसकी रसीद अदालत में प्रस्तुत करने का आदेश दिया।