घरेलू हिंसा से पीड़ित शादीशुदा पुरुषों की शिकायत पर कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय पुरुष आयोग के गठन की मांग

 अधिवक्ता महेश कुमार तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर घरेलू हिंसा से पीड़ित विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामलों से निपटने के लिए दिशानिर्देश देने और राष्ट्रीय पुरुष आयोग के गठन की मांग की है।                                           याचिका की सुनवाई 3 जुलाई को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ में होगी।                                                                             याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि वर्ष 2021 में देश भर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की थी। आत्महत्या करने वालों में विवाहित पुरुषों की संख्या 81,063


थी। जबकि महिलाओं की संख्या 28680 थी। याचिका में आगे कहा गया है 2021 में लगभग 33.2% पुरुषों ने पारिवारिक समस्याओं के कारण और 4.8% पुरुषों ने विवाह संबंधी कारणों से आत्महत्या की थी।                  याचिकाकर्ता ने विवाहित पुरुषों के आत्महत्या करने के मुद्दे से निपटने और घरेलू हिंसा से पीड़ित पुरुषों की शिकायतों पर कार्यवाही करने के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश देने का भी अदालत से अनुरोध किया है।                                                 याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के जरिए पुलिस प्राधिकार और प्रत्येक थाने के प्रभारी को यह निर्देश जारी करें कि घरेलू हिंसा के शिकार पुरुषों की शिकायतों को तत्काल स्वीकार करें।                                                    याचिका में कि घरेलू हिंसा से पीड़ित या पारिवारिक समस्या या विवाह से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे विवाहित पुरुषों के आत्महत्या करने के संदर्भ में शोध कराने के लिए राष्ट्रीय विधि आयोग को निर्देश देने की भी मांग की गई है। जिससे कि राष्ट्रीय पुरुष आयोग जैसी एक संस्था गठित करने के लिए आवश्यक रिपोर्ट तैयार की जा सके।

Post a Comment

Previous Post Next Post